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भूमि संबंधी विवादों के लिए पृथक दस्ते की मांग – प्रदेश चेंबर 

भूमि संबंधी विवादों के लिए पृथक दस्ते की मांग – प्रदेश चेंबर 

जमीन पंजीयन के साथ ही स्वयमेव नामांतरण की कार्यवाही होनी चाहिये

रायगढ़। प्रदेश चेंबर ऑफ कॉमर्स एन्ड इंड्रस्टियल एसोसिएशन रायगढ़ ने प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री माननीय विष्णु देव साय से मांग की है कि प्रदेश में भूमि विवादों के प्रकरणों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। जिसमें फंसकर कई सीधे-साधे लोग अपने हक भूमि से हाथ धो कर बैठ रहे हैं ।  ऐसे प्रकरणों के सुनवाई एवं उसमें पुलिस की दखल रहने के उद्देश्य से राजस्व विभाग एवं पुलिस दोनों विभागों के नुमाइंदों की एक पृथक सेल प्रत्येक जिले में गठित की जानी चाहिए जिसमें भूमि संबंधी मामलों की सुनवाई हो और दोषी व्यक्तियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जावे। प्रदेश चेंबर रायगढ़ अध्यक्ष हीरा मोटवानी एवं महामंत्री राजेश अग्रवाल ने मांग करते हुए कहा कि यदि इस प्रकार की कोई स्पेशल सेल गठित होती है तो अतिक्रमणकारियों एवं गुंडागर्दी करने वालों पर लगाम कसी जा सकती है । चेम्बर ने माननीय उच्चतम न्यायालय के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय की अवधारणा है कि जिस व्यक्ति के पास जमीन का टाइटल होगा यदि उसकी भूमि पर कोई व्यक्ति छल पूर्वक ,दुर्भावनापूर्ण तरीके से कब्जा कर लेता है तो उसे बलपूर्वक हटाया जाना चाहिए । न्यायालय ने कहा है कि ऐसे में कब्ज़ा कितना भी पुराना हो उसके टाइटिल की शुद्धता पर विशेष ध्यान देना है । चेंबर पदाधिकारी करतार सिंह कालरा, बजरंग अग्रवाल, विनय कुमार अग्रवाल, राजेंद्र अग्रवाल {तुलसी} राकेश पटेल , नवीन खजांची, उमाशंकर पटेल, जय अग्रवाल, वेद प्रकाश अग्रवाल, अशोक अग्रवाल, (गांधी गंज) मनोज बेरीवाल, बजरंग अग्रवाल जूट मिल, प्रदीप श्रृंगी, अशोक जैन, ललित बोंदिया ,अनिल गर्ग ,आकाश अग्रवाल ने रायगढ़ विधायक एवं केबिनेट मंत्री ओ पी चौधरी से निवेदन किया है कि पूर्व में  जब छ ग में बीजेपी की सरकार थी तो इस प्रकार के सेल गठित किया गया था।  जिससे लोगों को काफी सुविधा महसूस हुई थी और उन्हें न्याय भी मिला था । परंतु बाद में उन्हें क्यों बंद कर दिया गया यह समझ से परे है अतः वे इस मुद्दे को विधानसभा में उठा कर लोगों को राहत पहुंचाने की पहल करें। आज जब अतिक्रमण एवं छल व बलपूर्वक निजी जमीनों पर कब्जे हो रहे हैं तब ऐसे स्पेशल सेल की नितांत आवश्यकता है। इस तरह न केवल स्वार्थी तत्वों पर काबू पाया जा सकेगा बल्कि भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा और स्पेशल सेल के द्वारा विवेचना में यदि राजस्व अधिकारियों की मिली भगत से राजस्व अभिलेखों में कूट रचना पर पायी जाती है तो सम्बंधित पक्षकार के साथ साथ इन
कर्मचारियों पर भी एफ आई आर दर्ज होनी चाहिये।
 
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Author: Front Face News

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