करदाताओं को आईटीआर दाखिल नहीं करने पर जल्द ही मिलेगा नोटिस
रायगढ़ । आयकर विभाग जल्द ही उन व्यक्तियों को नोटिस भेजेगा जिन्होंने स्रोत पर कर कटौती के बावजूद आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है। विभाग बेमेल लेनदेन और छुपे हुए निवेश का पता लगाने के लिए बड़ी मात्रा में डेटा का उपयोग कर रहा है और अपने रिटर्न को अपडेट करने के लिए करदाताओं तक पहुंच रहा है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष नितिन गुप्ता ने कहा कि आयकर विभाग जल्द ही उन व्यक्तियों को नोटिस भेजेगा जिन्होंने कर रिटर्न दाखिल नहीं किया है, भले ही उनकी आय पर स्रोत पर कर काटा गया हो। उन्होंने कहा कि ऐसे करीब 1.5 करोड़ टैक्सपेयर्स हैं ।परंतु हम केवल उन्हीं करदाताओं को नोटिस भेजेंगे जिनके बारे में हमारे पास निश्चित जानकारी है ऐसे नोटिसों की संख्या ‘कुछ हज़ार’ ही होगी।
आईटी विभाग को बड़ी मात्रा में डेटा प्राप्त होने से बेमेल का पता लगाने में मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि अगर करदाताओं से कोई विवरण छूट गया है तो वे अपने रिटर्न को अपडेट करने के लिए उन तक पहुंच रहे हैं। विभाग ने अब तक ऐसे 5.1 मिलियन अपडेटेड रिटर्न से 4,600 करोड़ एकत्र किए हैं। उन्होंने कहा कि आयकर रिटर्न में जो अतिरिक्त खुलासे मांगे जा रहे हैं, वे ज्यादातर लोक लेखा समिति या भारत के चुनाव आयोग की सिफारिशों से आते हैं।
इस साल से उच्च आय वाले करदाताओं को अपने रिटर्न में अधिक विवरण देना होगा। इसमें कानूनी इकाई पहचानकर्ता (एलईआई), भुगतान की तारीख और मोड सहित राजनीतिक दलों के लिए कोई भी योगदान शामिल है। अन्य बातों के अलावा, किसी भी विकलांगता वाले आश्रित के चिकित्सा उपचार सहित भरण-पोषण के लिए दावा की गई किसी भी कटौती की जानकारी भी आवश्यक होगी।
क्या कहते हैं कर सलाहकार
आयकर विभाग के पास विभिन्न स्रोतों से कई जानकारियां एकत्रित हो रही है ऐसे में करदाता को मार्च खत्म होने के बाद से ही अपने कर विवरणी से संबंधित सभी जानकारियां एकत्रित करनी शुरू कर देनी चाहिए । अन्यथा अंतिम तारीखों में जल्दी बाजी में बहुत सारी जानकारियां कर विवरणी में देने में चूक हो जाती है । बाद में ब्याज और शास्ति के साथ कर अदायगी करते समय आयकर दाता को असहज महसूस होता है ।
हीरा मोटवानी, कर सलाहकार