अस्थिर शेयर बाजार में न्यूनतम वैरियेंस क्या मायने रखता है -रतन मोटवानी
रायगढ़। म्युचुअल फंड की दुनिया में मिनिमम वैरियेंस नाम के शब्द ने वर्तमान के अस्थिर बाजार में अपनी सार्थकता को बढ़ा दिया है। यह एक प्रकार की निवेश विधि है जिसमें बड़ी और भरोसेमंद कंपनियों पर अधिक ध्यान दिया जाता है जिनके शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव से कम प्रभावित होते हैं । हर शेयर का चुनाव बहुत सोच समझकर किया जाता है ताकि आपका पोर्टफोलियो स्थिर और मुनाफे वाला हो। आइसीआइसीआइ प्रूडेंशियल म्युचुअल फंड ने एक नया ऑफर लांच किया है जो 18 नवंबर से 2 दिसंबर तक खुला हुआ है ।
मोटवानी फिनसर्व रायपुर के डायरेक्टर रतन मोटवानी ने कहा कि अगर आप शेयर बाजार में पैसा लगाना चाहते हैं लेकिन ज्यादा जोखिम लेने से बचते हैं तो यह योजना आपके लिए एक अच्छा विकल्प है। इस योजना में कम अस्थिरता वाले लार्ज कैप शेयरों पर फोकस किया गया है । डायवर्सिफाइड स्थिर पोर्टफोलियो बनाने के लिए इस योजना में निवेश करना तात्कालिक और लंबी अवधि के लिए अत्यंत फायदेमंद है। उन्होंने कहा कि भारत की ग्रोथ स्टोरी एक सकारात्मक दृष्टिकोण प्रदान करती है एक स्थिर सरकारी बैलेंस शीट, बेहतर कॉरपोरेट फाइनेंस, और मजबूत घरेलू बचत, भारत के बाजारों को लचीलापन प्रदान करती है। हालांकि शेयर बाजार में अल्पकालिक उतार-चढ़ाव से बचना मुश्किल है परंतु म्यूचूअल फंड में लंबी अवधि का निवेश हमेशा फायदेमंद होता है। विदेशी निवेशकों ने हाल ही में भारतीय इक्विटी में अपने जोखिम को कम कर दिया है। अब एक छोटी सी उलट फेर लार्ज कैप के प्रदर्शन में बदलाव ला सकती है। उदाहरण से समझे तो एक यात्री जो कि अपने घर से हवाई अड्डे तक अनुमानित 1 घंटे का सफर करता है यदि वह पिक ट्रैफिक के समय इस यात्रा करे तो उसे डेढ़ घंटे लग जाएगा जबकि वह ऑफ पिक समय में इस यात्रा को संपादित करे तो उसे 45 मिनट लगेंगे। ठीक उसी तरह मिडकैप और स्मॉल कैप योजनाएं लार्ज कैप से अधिक अस्थिर होती हैं। वर्तमान भू राजनीतिक तनाव भी इन उतार-चढ़ाव में योगदान करता है लेकिन जब स्थिति संभलती है तब लार्ज कैप जल्द ही अपने पुराने स्वरूप में लौट आता है।