खुली हुई पत्थर खदान में अनियंत्रित कार गिरने से चार लोगों की जल समाधि
15 वर्षीय बालिका अपने प्रयासों से निकली बाहर
छतीसगढ़/सारंगढ़। छत्तीसगढ़ के सारंगढ़ जिले का ग्राम गुडेली टीमरलगा जो कि पत्थर खदानों के नाम से जाना जाता है। यहां पर सैकड़ों की संख्या में पत्थर खदानें हैं जिनमें से अधिकांश बंद हो चुकी हैं लेकिन इन गहरी पत्थर खदानों को भरा नहीं गया है जिसके कारण यह गहरे कुएं ,तालाब या झील की शक्ल ले चुकी हैं। यहां से आने जाने वाले हमेशा डरते हैं कि वह कहीं इसमें गिर न जाए और बीती रात ऐसा ही हुआ। स्वयं टीमरलगा सरपंच मीनू पटेल अपने पति महेंद्र पटेल एवं अपने माता पिता तथा बेटी के साथ उड़ीसा प्रांत में देवी दर्शन के लिए गई थी, जहां से वापसी के वक्त अनियंत्रित होकर उनकी कार लगभग 80 फुट गहरे गड्ढे में गिर गई जिसमें बारिश का पानी जाम था । यहां से उनकी बेटी जो कि लगभग 15 वर्ष की है अपने प्रयासों से किसी तरह कार से बाहर निकल कर तैर कर ऊपर आई और उसने समीप के पेट्रोल पंप में जाकर इसकी सूचना दी जिस पर पेट्रोल पंप वालों ने पुलिस को सूचना दी और पुलिस ने रात को ही इस इलाके की घेराबंदी कर दी और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया परंतु अंधेरा होने के कारण कोई सफलता हाथ नहीं लगी सुबह एक वृद्ध की लाश पानी में तैर कर बाहर आई लेकिन तीन अभी भी कार में ही फंसे थे। सुबह 10:00 बजे गोताखोरों और पुलिस के संयुक्त प्रयास से इस कार्य को बाहर निकाला गया जिसमें सवार तीन लोगों के शव और बरामद हुए इस घटना की सूचना मिलते ही इलाके में सन्नाटा पसर गया है घटनास्थल पर भारी भीड़ जमा हो गई। सारंगढ़ एस पी राजेश कुकरेजा ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि दुर्घटना में 4 लोगों की मृत्यु हुई है
मुख्यमंत्री ने जताया शोक
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले की इस घटना पर गहरा शोक प्रकट करते हुए इस घटना में परिवार की घायल बेटी को अच्छी से अच्छी इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश जिला प्रशासन के अधिकारियों को दिये हैैं। राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत इस घटना में मृत प्रति सदस्य चार-चार लाख रूपए की मुआवजा राशि मृतकों के परिजनों को दी जाएगी।