जिले को फाईलेरिया मुक्त करने के लिए कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने रायगढ़ जिलेवासियों से की अपील….
रायगढ़ ।आगामी 10 फरवरी से जिले मे फाइलेरिया अभियान प्रारंभ किया जा रहा है। जिसमें फाइलेरिया व उसके रोकथाम नियंत्रण के बारे में जानकारी दी जाएगी और दवा का सेवन कराया जायेगा । फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रमित रोग है। इस रोग से व्यक्ति किसी भी उम्र में संक्रमित हो सकता है। फाइलेरिया के लक्षण हाथ व पैर की सूजन, हाइड्रोसिल के अलावा महिलाओं के स्तन में भी सूजन की समस्या पाई जाती है।
फाइलेरिया दवा के फायदे- यह फाइलेरिया के परजीवीयों को मार देती है और आपको हाथीपाव व हाइड्रोसिल जैसे बीमारियों से बचाव करती हैं। जिले में फाइलेरिया कार्यक्रम उन्मूलन के तहत 13.35 लाख व्यक्तियों को दवा सेवन कराया जायेगा। जिसमें 2269 सर्वे दल 4538 सदस्यों द्वारा 454 सुपरवायजर, 45 सेक्टर सुपरवायजर द्वारा दवा खिलायी जायेगी। कलेक्टर रायगढ़ तारण प्रकाश सिन्हा ने जिले वासियों से की दवा लेने कीअपील।
फाइलेरिया दुनिया भर में विकलांगता और विरूपता बढ़ाने वाला सबसे बड़ा रोग है (इसे एक संक्रमण के रूप में भी देखा जाता है)। यह एक पैरासाइट डिजिट है जो कि धागे के समान दिखाई देने वाले निमेटोड कीड़ों (Nematode Worms) के शरीर में प्रवेश करने की वजह से होती है।
फाइलेरिया के लक्षण
हालांकि बुखार, बदन में खुजली और पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द व सूजन की समस्या होती है। इसके अलावा पैरों और हाथों में सूजन, हाइड्रोसिल (अंडकोषों की सूजन) भी फाइलेरिया के लक्षण हैं। चूंकि इस बीमारी में हाथ और पैरों में हाथी के पांव जैसी सूजन आ जाती है, इसलिए इस बीमारी को हाथीपांव कहा जाता है इसका कीड़ा लसीका वाहिकाओं में वे वयस्कों में विकसित होता हैं। एक वयस्क कीड़ा लगभग 5-7 साल तक जीवित रहता है।यह बीमारी निमेटोड कीड़ों (Nematode Worms) के कारण होती है। ये परजीवी मच्छरों की कुछ प्रजातियों (Wuchereria Bancrofti or Rugia Malayi) और खून चूसने वाले कीटों के जरिए इंसान के शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। इस बीमारी को फाइलेरिया (Filaria) या फिलेराइसिस (Filariasis) भी कहा जाता है।