सौम्या चौरसिया की विशेष अनुमति याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज
गलत दलीलें देने पर खंडपीठ ने लगाया एक लाख का जुर्माना
रायगढ़ । माननीय उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पूर्व उप सचिव सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका खारिज कर दी। छत्तीसगढ़ सिविल सेवा के अधिकारी (अब निलंबित) चौरसिया कोयला घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी हैं।
जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका खारिज करने के छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के 23 जून के आदेश को चुनौती देने वाली विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही थी। निलंबित सिविल सेवक अब एक साल से अधिक समय से जेल में है।
सुप्रीम कोर्ट ने चौरसिया को जमानत देने से इनकार कर दिया। इतना ही नहीं, यह देखते हुए कि उनकी विशेष अनुमति याचिका में गलत दलीलें दी गईं, पीठ ने एक लाख का असाधारण जुर्माना भी लगाया।
अदालत ने अपने आदेश में कहा,
“यह नहीं कहा जा सकता है कि पूर्ण खुलासे किए जाने चाहिए और विशेष रूप से नामित और सीनियर वकील से कुछ हद तक व्यावसायिकता की अपेक्षा की जाती है। गुण-दोष के आधार पर भी हमें कुछ नहीं मिला। चूंकि गलत तथ्य बताए गए, इसलिए हमने एक लाख का जुर्माना सहित अपील खारिज कर दी।“