रायगढ़ में होगा नायक का प्रकाश,अरुण का उदय या डॉ राजू बनेंगे जेंटलमेन
रायगढ़। छत्तीसगढ़ में एक पुरानी कहावत है “मौत और कांग्रेस की टिकट का कोई भरोसा नहीं” यह कब आ जाए किसी को नहीं पता यहां तक की कांग्रेस की टिकट बी फार्म जमा करने तक बदलने का भी इतिहास है। कांग्रेस की पहली सूची में 30 नाम है जिसमें आठ सिटिंग एम एल ए का टिकट काट दिया गया है। यह टिकट क्यों काटा गया इसके कई कारण हैं। यदि हम 2018 के चुनाव को देखें तो पंडरिया से मौजूदा विधायक ममता चंद्राकर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी से 36487 मतों से जीत हासिल की थी ,इसी तरह डोंगरगढ़ के मौजूदा विधायक भुनेश्वर बघेल ने 19083 मतों से ,खुज्जी के विधायक छन्नी साहू ने 27497 वोट से अंतागढ़ विधायक अनूप नाग ने 13414 मतों से ,कांकेर विधायक शिशुपाल शोरी ने 19804 मतों से नवागढ़ गुरुदयाल बंजारे ने 33200 मतों से जीत हासिल की थी। जबकि दंतेवाड़ा में उप चुनाव में 11192 मतों से जीतने वाली देवती कर्मा और चित्रकोट से 17853 मतों से जीतने वाले राजमन बेंजाम का टिकट भी काट दिया गया। इतने मतों से जीत हासिल करने के बाद भी सिटिंग एमएलए का टिकट कट गए । जबकि पिछली बार नारायणपुर में केदार कश्यप से 2647 वोट से जीतने वाले विधायक चंदन कश्यप को फिर से मौका दिया गया है। इस बार नारायणपुर सीट से चंदन कश्यप की जगह रजनु नेताम का नाम आगे बढ़ाया गया था जो कांग्रेस के जिलाध्यक्ष है, परंतु उनकी जगह चंदन कश्यप को फिर से टिकट दी गई। ठीक इसी तरह राजनांदगांव से इस बार महापौर हेमा देशमुख का नाम आगे चल रहा था जिसकी जगह गिरीश देवांगन को मैदान में उतारा गया है। इन सबको देखते हुए ऐसा लगता है कि कम से कम 15 से 20 विधायकों के टिकट काटने की जो बात पिछले एक सप्ताह से चल रही है उसमें मोहर लगने की संभावना है। हालां कि मुख्यमंत्री का बयान है बस अब विधायकों के टिकट और नहीं काटेंगे। रायगढ़ से कांग्रेस के जिन नामों पर चर्चा चल रही है उसमें मौजूदा विधायक प्रकाश नायक जो कि पूर्व विधायक एवं मंत्री डॉ शक्राजीत नायक के पुत्र हैं ,पूर्व विधायक एवं मंत्री कृष्ण कुमार गुप्ता के पुत्र अरुण गुप्ता ,पूर्व विधायक रामकुमार अग्रवाल के पुत्र डॉक्टर राजू अग्रवाल का नाम बताया जा रहा है। प्रकाश नायक जो कि मौजूदा विधायक है और अघरिया समाज से आते हैं इसी समाज से भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व आईएएस अधिकारी ओ पी चौधरी को मैदान में उतारा है। हालां कि ओ पी चौधरी पिछली बार खरसिया से चुनाव हार चुके हैं परंतु उनके आभामंडल को देखते हुए तथा पार्टी में उनकी सक्रियता को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें रायगढ़ से अपना प्रत्याशी घोषित किया है। प्रकाश नायक को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी विधायक के रूप में देखा जाता है यहां पर गौर करने वाली बात यह है कि उप मुख्यमंत्री टी एस बाबा के खेमे से डॉक्टर राजू अग्रवाल को सहयोग मिलने की उम्मीद है तो वही पुराने संपर्कों का लाभ लेते हुए दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के सहयोग से अरुण गुप्ता भी ताल ठोक कर खड़े हैं। दिल्ली के कांग्रेस गलियारे की चर्चा को मानें तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने दो-तीन करीबी विधायकों को छोड़कर बाकी विधायकों को टिकट देने या न देने का निर्णय आला कमान पर छोड़ दिया है। पहली सूची में आठ विधायकों की टिकट काटना इस बात का संकेत है कि आने वाले दो सूचियों में कुछ विधायकों के टिकट और कट सकते हैं। राजनीतिक गलियारों में चल रही बातों पर गौर करें तो माना जा सकता है कि अंदरूनी सर्वे और रिपोर्ट के आधार पर जिन विधानसभाओं में कांग्रेस को थोड़ी सी भी शंका हो रही है वहां पर चाहे सिटिंग एम एल ए हो फिर पुराना प्रत्याशी हो उसको नए चेहरे के साथ बदला जा रहा है। ऐसे में अब यह देखना होगा कि आने वाले दो-तीन दिनों में रायगढ़ में नायक का प्रकाश होगा या फिर अरुण का उदय अथवा बाजी मारेंगे डॉक्टर राजू अग्रवाल। या फिर कांग्रेस के विक्रम लैंडर से कोई ऐसा नया नाम बाहर आयेगा जो होगा मुक्कदर का सिकंदर ।