किसी भी कार्य की शुरुआत एक उचित रणनीति से ही होनी चाहिए ताकि परिणाम अपेक्षित आएं। UPSC की तैयारी का नाम ही अपने-आपमें बड़ा है। चूँकि इसका विस्तृत पाठ्यक्रम एवं परीक्षा के चरणों में वैविध्य ही इसे विशिष्ट बना देता है। इसकी शुरुआत करने से पहले इसके बारे में बहुत कुछ जान लेना आवश्यक है। संस्कृति IAS Coaching सेंटर एक अनुभवी इंस्टिट्यूट होने के चलते आपको कुछ सुझाव दे रहा है जो आपको पता होने चाहिए अगर आप UPSC की तैयारी शुरू करने जा रहे हैं तो।
तैयारी की शुरुआत में निम्नलिखित जानकारी होनी चाहिए – संस्कृति IAS Coaching सेंटर
1. परीक्षा का स्वरुप-
परीक्षा के स्वरुप, प्रकृति, चरण, प्रश्न पत्र आदि की जानकारी होनी चाहिए; जैसे-
UPSC की सिविल सेवा परीक्षा तीन चरणों में संपन्न होती है। प्रारंभिक चरण में दो पेपर( समय अध्ययन-1, सामान्य अध्ययन-2 या CSAT) होते हैं। दोनों बहुविकल्पी होते हैं। उत्तीर्ण अभ्यर्थी द्वितीय चरण (मुख्य परीक्षा) के लिये अर्ह हो जाते हैं इस चरण में कुल नौ लिखित पेपर होते हैं, जिसमे चार सामान्य अध्ययन के प्रश्न, एक वैकल्पिक विषय के दो प्रश्नपत्र, निबंध का एक प्रश्नपत्र एवं दो भाषा के पेपर होते हैं। और अंतिम चरण साक्षात्कर का होता है।
2. पाठ्यक्रम की सम्पूर्ण जानकारी-
चरणबद्ध तरीके से पाठ्यक्रम की जानकारी होनी चाहिए। अभ्यर्थी आयोग की Website पर जाकर पाठ्यक्रम देख सकते हैं।
तैयारी की शुरुआत से पाठ्यक्रम के महत्त्व को समझें एवं मार्ग कुंजी के रूप में अपने साथ रख लें।
3. पाठ्यसामग्री के स्त्रोत-
अध्ययन सामग्री कहाँ से और कैसे प्राप्त करेंगे? NCERT के साथ स्टैण्डर्ड बुक्स की सूची की जानकारी होनी चाहिए। परम्परागत ज्ञान को अद्यतन कैसे किया जायेगा एवं इसके विश्वसनीय स्त्रोत क्या होंगे?
4. कोचिंग की जानकारी-
अभ्यर्थी को पता होना चाहिए कि तैयारी का सबसे बेहतर संस्थान कौन सा होगा? उस संस्थान के अध्यापकों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। यह भी जानकारी होनी चाहिए कि उस संस्थान की सफलता दर क्या है। सुनिश्चित कर लें, वहां मिलने वाली अध्ययन सामग्री कितनी प्रासंगिक एवं प्रमाणिक है।
5. विविध जानकारियां-
• प्रभावी उत्तर लेखन के लिए वाक्य संरचना, भाषा, प्रवाह एवं शुद्ध वर्तनी की जानकारी।
• समय प्रबंधन की कुशलता, Motivated एवं अनुशासित रहने की कला का ज्ञान होना चाहिए, आदि।
यदि तैयारी की रणनीति बना रहा अभ्यर्थी उपर्युक्त ज्ञान से परिपूर्ण है तो यह उसके अध्ययन की नींव को मजबूत करेगा, जिस पर तैयारी की सम्पूर्ण ईमारत को टिका पाना संभव होगा।