सूचना का अधिकार हुआ तार तार
छत्तीसगढ़ में नहीं होती कोई सुनवाई
रायगढ़। छत्तीसगढ़ में सूचना के अधिकार की जितनी फजीहत अब हो रही है उतनी पहले कभी नहीं थी । अब तो ना ही सूचना के अधिकार के तहत आपको कोई जानकारी मिलती है ना ही प्रथम अपील में उसकी कोई सुनवाई होती है। द्वितीय अपील या शिकायत पर आयोग की तरफ से कोई कार्यवाही भी नहीं होती है। बस आप अपने मन को संतुष्ट करने के लिए आवेदन लगाते जाएं अपना समय और पैसा बर्बाद करते रहे।
आपको कोई सूचना नहीं दी जाएगी और अगर आपका प्रश्न किसी ऐसे मसले से है जिसमें अधिकारी की किरकिरी हो सकती है तो आप यह मान कर चलिए की आपको पहले तो कोई सूचना दी नहीं जाएगी और अगर दी गई तो वह गोल-गोल होगी और 90% यह संभावना है की आपको दो लाइन का जवाब मिल जाएगा कि यह सूचना आपको नहीं दी जा सकती है। ताजा मसला रायगढ़ के पीडब्लूडी सेतु निगम से जुड़ा है जिसमें प्रार्थी ने सूचना के अधिकार में दिनांक 7 मार्च 2024 को आवेदन देकर जानकारी मांगी थी जो कि उसे निर्धारित समय में प्राप्त नहीं हुई दिनांक 18अप्रेल 2024 को प्रथम अपील विधिवत दायर की गई परंतु उसका भी कोई जवाब नहीं मिल पाया।
प्रार्थी ने इसकी शिकायत राज्य आयोग को दिनांक 25 अगस्त को की परंतु वहां से भी कोई उत्तर नहीं मिला है। छत्तीसगढ़ शासन के विष्णु देव साय के सुशासन काल में इस प्रकार संवेदनशील मामलों में कोताही बरतना इस बात का सबूत है कि प्रशासनिक अधिकारियों पर छत्तीसगढ़ शासन का कोई अंकुश नहीं है या दूसरे शब्दों में यह कहें कि प्रशासनिक अधिकारी ही सरकार चला रहे हैं।