आयकर विभाग की वक्र दृष्टि पड़ते ही नौकरी पेशा करदाताओं ने 1070 करोड रुपए के रिफंड दावों को लिया वापस

आयकर विभाग की वक्र दृष्टि पड़ते ही नौकरी पेशा करदाताओं ने 1070 करोड रुपए के रिफंड दावों को लिया वापस

रायगढ़। आखिरकार नौकरी पेशा करदाताओं पर आयकर विभाग की वक्र दृष्टि पड़ ही गई। कई वर्षों से कुछ नौकरी पेशा  करदाता  सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगा रहे थे। जब से आयकर विभाग ने अपनी जांच के दायरे को ढीला छोड़ा तब से यह पूरा रैकेट हरकत में आ गया और इन्होंने कई प्रकार के गलत छूट लेते हुए अपने आयकर विवरण में रिफंड क्लेम कर लिए।

जब यह खेल शुरू हुआ तो लोगों का ध्यान इस तरफ नहीं गया लेकिन देखते ही देखते या खेल करोड़ों रुपए प्रतिवर्ष में पहुंच गया सबसे ज्यादा नुकसान ईमानदार कर सलाहकारों को हो रहा था क्योंकि वह अपने क्लाइंट को सही-सही टैक्स का आकलन करके टैक्स पटाने के लिए कहते थे परंतु कुछ धूर्त कर सलाहकार उन्हें अपनी और खींच लेते थे और उन्हें कहते  कि हम आपको कैसे भी करके रिफंड दिलवाएंगे और इस रैकेट में रिफंड अमाउंट का कमीशन निर्धारित हो जाता था। और क्लाइंट दूसरे के पास चला जाता था ।

ईमानदार कर सलाहकार इस बात की जानकारी सरकार को देते रहे परंतु इस मंत्रालय में देर भी है और अंधेर भी है यहां पर बैठे हुए अधिकारी  किसी भी आर्गुमेंट को सुनने के लिए तैयार नहीं होते। इस तरह जिसे टैक्स नहीं लगना चाहिए उस पर दोहरे टैक्स की मार पड़ती है और जिन्हें टैक्स लगना चाहिए उन्हें रिफंड क्लेम दे दिया जाता है।

इस बार सरकार ने इसे संज्ञान लिया और जांच शुरू की जिससे नतीजा यह हुआ कि करीब 90,000 सैलरीड क्‍लास (सरकारी और प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले) ने गलत तरीके से टैक्‍स छूट के दावे वापस ले लिये और सही सही टैक्स भी पटाया।  इन क्‍लेम की कुल राशि 1,070 करोड़ रुपये होती है. आयकर विभाग ने जांच के दौरान पाया क‍ि लोग अपने टैक्स रिटर्न में सेक्‍शन 80C, 80D, 80E, 80G, 80GGB, 80GGC के तहत गलत कटौती का दावा कर रहे हैं. इससे सरकार को म‍िलने वाले इनकम टैक्‍स में कमी आ रही है ।

अब विभाग को समझ में आ गया कि छूट के दावे फर्जी तरीके से किए गए थे। इसलिए अब उन्होंने नौकरी पेशा करदाताओं पर विशेष रूप से निगाह रखनी शुरू की है। ठीक इसी तरह उनकी निगाह कैपिटल गैन टैक्स पर भी पड़ी है क्योंकि कैपिटल गैन टैक्स में भी बहुत बड़ा झोल झाल दिख रहा है।  इसलिए विभाग ने एक मुहिम के तहत नौकरी पेशा करदाताओं के आयकर विवरण को टटोलना शुरू कर दिया है।  और इसका नतीजा बहुत जल्द ही सामने में आएगा । आज देश में प्रतिदिन न जाने कितने पंजीयन जमीन जायदाद के होते हैं।  परंतु उस हिसाब से सरकार के खाते में कैपिटल गैन टैक्स नहीं आ रहा है।  आयकर विभाग की इस कार्यवाही से उन करदाताओं में भय व्याप्त हो गया है जिन्होंने गलत तरीके से टैक्स की कैलकुलेशन करते हुए रिफंड क्लेम कर लिया है। .

Front Face News
Author: Front Face News

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