भूपेश सरकार का नहले पर दहला
सकते में है प्रदेश भाजपा
रायगढ़। भारतीय जनता पार्टी ने राम नाम का सहारा लेते हुए अभी तक अपनी नैया पार लगाई है। मंदिर वहीं बनाएंगे से शुरू हुआ यह अभियान कर्नाटका में बजरंग दल और बजरंगबली तक जा पहुंचा है। ऐसे में छत्तीसगढ़ जो कि माता कौशल्या का मायका और भगवान श्री राम का ननिहाल माना जाता है वहां पर राम नाम का सहारा भारतीय जनता पार्टी को लेने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ेगा। क्योंकि भूपेश बघेल ने ऐसा दांव खेला है कि भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व के माथे पर बल पड़ गये हैं । एक ओर भारतीय जनता पार्टी राम-वन-गमन परिपथ को फिर से 2024 में अपने जीत का केंद्र बिंदु बनाने पर आतुर है वही भूपेश सरकार ने क्रमशः इसी राम-वन-गमन के कई स्थानों पर बड़े-बड़े आयोजन कर भगवान श्री राम को किसी एक दल या पार्टी का बनने की कोशिश पर तगड़ा प्रहार किया है। आगामी 1 जून से 3 जून तक रायगढ़ में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। जिसकी तैयारियां इतनी भव्य हैं और जिस के चर्चे पूरे देश में जिस गति से फ़ैल रहे हैं उसे प्रदेश भाजपा ने सपने में भी नहीं सोचा था कि उनका कॉपीराइट किसी और के हाथ चला जाएगा। अब प्रदेश के भाजपा नेता बयानबाजी कर अपना विरोध प्रदर्शित कर रहे हैं। इस भव्य कार्यक्रम में जनता का प्रवेश पूर्णतः निःशुल्क होगा। महोत्सव में विशेष रूप से अरण्य कांड पर केंद्रित रामायण गाथा की प्रस्तुति होंगी। मान्यता है कि भगवान श्री राम अपने वनवास काल के दौरान ज्यादातर समय छत्तीसगढ़ के दंडकारण्य में बिताए थे। महोत्सव में देश विदेश के कलाकारों द्वारा भी आकर्षक स्वरूप में रामगाथा का मंचन किया जाएगा। तीन दिवसीय इस वृहद आयोजन में प्रतिदिन राष्ट्रीय स्तर के बड़े कलाकारों की प्रस्तुतियाँ भी होंगी। 1 जून को इंडियन आइडल फेम शंमुख प्रिया और सारेगम फेम शरद शर्मा शिरकत करेंगे। वहीं 2 जून को मशहूर गायक बाबा हंसराज रघुवंशी और लखबीर सिंह लक्खा की संगीतमय प्रस्तुतियाँ होंगी। 3 जून को लोकप्रिय भजन गायिका मैथिली ठाकुर और देश के मशहुर कवि कुमार विश्वास की प्रस्तुति से रामभक्ति की धारा बहेगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर राज्य शासन द्वारा राम-वन-गमन पर्यटन परिपथ परियोजना के तहत भगवान श्री राम के वनवास काल के दौरान यात्रा से जुड़े प्रदेश की ऐतिहासिक स्थलों को पर्यटन के रुप में विकसित किया जा रहा है। सरगुजा से लेकर बस्तर तक जहाँ-जहाँ श्री राम के चरण पड़े हैं, उन स्थलों को पर्यटन के रुप में विकसित किया जा रहा है।